शुक्रवार, 6 नवंबर 2009

वो तूफ़ानों में चलने का आदी !

चार साल पहले, जब शशि भैया बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष बने, तब क्लब की गतिविधियां चंद प्रेस कान्फ्रेंस तक ही सीमित थीं, लेकिन आज सारा परिदृश्य बदल चुका है। ऊर्जावान अध्यक्ष के साथ सदस्यों की सक्रिय भागीदारी ने पत्रकारों के संघर्ष को ऐसा संबल दिया है, जिससे समाज के दूसरे तबकों में भी ये संदेश गया है कि पत्रकार भी अपने हितों की आवाज बुलंद करने में सक्षम हैं। पत्रकार साथियों के लिए आवासीय भूखंड उपलब्ध कराने से लेकर पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना, पत्रकारों का बीमा, वरिष्ठों का सम्मान, प्रतिभावान बच्चों का सम्मान, फोटो प्रदर्शनी, खेल प्रतियोगिताएं, गोष्ठी और पारिवारिक आयोजनों ने प्रेस क्लब की गरिमा बढ़ाई है। इतिहास गढ़ने का जो सिलसिला शशि भैया के नेतृत्व में प्रेस क्लब ने शुरू किया है, उसकी अनंत यात्रा अब कभी थमने वाली नहीं है। मूलत: निर्भीक पत्रकार होने के साथ वे संवेदनशील, दृढ़ निश्चयी, उसूलों के पक्के और एक अच्छे इंसान भी हैं। पत्रकार साथियों के लिए घर की तलाश में भटकते हमारे इस नायक ने अपने घर और भूख तक भुला दिए। संघर्ष के रास्तों ने उन्हें और भी जीवट बना दिया है। हर चुनौती के खिलाफ वो बिना किसी के साथ और सहारे का इंतज़ार किए अकेले ही खड़े हो जाते हैं। लड़कर अपना हक हासिल करना ही उनकी फितरत है। संघर्ष के इस सफर में उन्हें हर चुनौती क़बूल है, जो किसी शायर की तरह यही कहता है-

मैं बसा सकूं नया स्वर्ग धरती पर,

कि तुम मेरी हर बस्ती वीरान करो।

मैं तूफानों में चलने का आदी हूं,

तुम मेरी मंजिल मत आसान करो।

-सुशील पाठक

1 टिप्पणी:

  1. आज जब सुशील पाठक हमारे बीच नहीं उनका ये लेखन मुझे उनकी याद दिला गया ..भगवान उनकी आत्मा को शांति दे ..! प्रेस क्लब की यादों में वे सदा हमारे साथ हैं.

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